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दुबई हॉस्पिटल में छोटे अफगानी बच्चे की जिंदगी में बदलाव लाने वाली सर्जरी की श्रृंखला 30-08-2017 12:00 पूर्वाह्न साझा करें

स्पाइनल डिफेक्ट (रीढ़ में विकार) को सही करने के लिए की गई सर्जरी ने तीन साल की अफगानी लड़की कनीज़ को नई जिंदगी दी, जिसमें जन्म के समय से ही रीढ़ में खराबी थी।

स्पाइनल डिफेक्ट (रीढ़ में विकार) को सही करने के लिए की गई सर्जरी ने तीन साल की अफगानी लड़की कनीज़ को नई जिंदगी दी। कनीज़ में जन्म के समय से ही रीढ़ में खराबी (मेनिंजोमाइलोसील) थी जो सामान्य चलने-फिरने की उसकी क्षमता को प्रभावित कर रही थी। खराबी दूर करने के लिए, उसके जन्म के बाद उसकी कई सारी सर्जरी की गईं और उसके मस्तिष्क पर पड़ने वाला दबाव कम करने के लिए एक शंट लगाया गया।

यूनाइटेड नेशंस असिस्टैंस मिशन इन अफगानिस्तान (UNAMA चिकित्सकीय सेवाएं) के सहयोग से और अमेरिकन हॉस्पिटल दुबई के साथ गठबंधनमें, कनीज़ को उचित मूल्यांकन और उपचार के लिए हवाई जहाज से यूएई (UAE) लाया गया, ज़रूरी देखभाल शुरू करने के लिए उसे व उसके परिवार को एक कमरा और सुविधाएं प्रदान की गईं।

इससे पहले, कनीज़ बहुत दयनीय अवस्था में जीवनयापन करती थी, जो अपने निचले अंगों को गति देने में असमर्थ थी (पैराप्लेजिया) और मूत्राशय और मलाशय तक तंत्रिकाओं का संचार बाधित हो जाने के कारण मल-मूत्र पर उसका कोई नियंत्रण नहीं रह गया था।

अफगानिस्तान में उन्नत चिकित्सकीय सुविधाओं और समुचित पुनर्वास (रिहैबिलिटेशन) के अभाव के कारण कनीज़ और उसके परिवार के लिए दिक्कतें बढ़ गई थीं, वह दुनिया से अलग-थलग घर में रखी जाती थी, उसके नर्सरी स्कूल में जाने और एक सामान्य सामाजिक जीवन जीने की कोई संभावना नहीं थी।
मेनिंजोमाइलोसील के कारण गंभीर कब्ज और नियंत्रणहीनता के कारण मल और मूत्र का निरंतर रिसाव हो रहा था। कनीज़ का मूत्राशय छोटा था, जिस कारण उसकी दशा ज्यादा खराब थी। पिछले 2016 में उसने भारत में सर्जरी कराई थी, जिससे उसके ब्लैडर का आकार क्षमता बढ़ा दिया गया था। उस ऑपरेशन के बाद कनीज़ को मूत्रत्याग में मदद करने के लिए उसके अभिभावकों को, मूत्रमार्ग से मूत्राशय तक हर चार घंटे में एक कैथेटर डालना पड़ता था। इससे उसकी परेशानी और भी बढ़ जाती थी, क्योंकि कैथेटर डालने का कार्य हर चार घंटे पर किया जाना ज़रूरी था, अन्यथा मूत्राशय फट सकता था। परिवार के लोग निराश थे और भावी योजनाओं तथा बच्चे 's की स्थिति के प्रबंधन के बारे में पूरी जानकारी पाने की उम्मीद थी।
डॉ हुसैन नाजीH, कंसल्टैंट पीडियाट्रिक सर्जन अमेरिकन हॉस्पिटल दुबई के नेतृत्व में चिकित्सकों की एक टीम ने बच्चे की समस्या ठीक की,'s उन्होंने बताया कि ऐसे मामलों में बहुवैषयिक टीम और उन्नत चिकित्सकीय सुविधाओं की ज़रूरत होती है, ताकि सर्वोत्तम उपलब्ध साक्ष्य के अनुसार उचित देखभाल प्रदान की जा सके। इसके अलावा डॉ. नाजी की टीम ने, जिसमें एक यूरोलॉजिस्ट, न्यूरोसर्जन, ऑप्थैल्मोलॉजिस्ट, फिजियोथेरेपिस्ट थे, ने बॉवेल मैनेजमेंट प्रोग्राम द्वारा सहायता की।

कनीज़ के पिता अब्बास's ने बताया कि जैसे ही उनकी बेटी हॉस्पिटल में पहुंची और उसे उपचार मिला, तो उन्होंने पाया कि उसका दृष्टिकोण सुधर रहा है और वह पहले से बेहतर महसूस कर रही है।" डॉक्टरों ने उसकी दशा के बारे में हमें बहुत ईमानदारी से सब कुछ बताया, कोई बढ़ा-चढ़ा कर वादे नहीं किए, लेकिन इस बारे में स्पष्ट संदेश दिया कि वे अपना सर्वोत्तम प्रयास करेंगे। उनकी मदद के लिए हम उनके आभारी हैं, लेकिन पेशेंट्‌स के प्रति उनका दृष्टिकोण तो विशेषरूप से प्रशंसनीय है।."

" अफगानिस्तान में उपचार के अभाव का सामना करने वाले बच्चों के अनेक मामले न केवल इसलिए सहते हैं क्योंकि उन्हें उपचार का अवसर नहीं मिलता, बल्कि इसलिए भी क्योंकि वहां समुचित सुविधाओं और विशेषज्ञता का अभाव है। मेरे बच्चे को ठीक करने के वादे के साथ डॉक्टरों ने न जाने कितनी तरह के उपचार उसे दिए, लेकिन कोई लाभ न हुआ " अब्बास ने आगे बताया।

अमेरिकन हॉस्पिटल दुबई कनीज़'s का उपचार जारी रखने के लिए ज़रूरी सहायता लगातार उपलब्ध कराता रहेगा, जिसे अन्य सर्जरी के लिए कुछ वर्षों के बाद फिर से दुबई आना होगा।" हमें उम्मीद है कि हम कनीज़ को आखिरकार अन्य बच्चों से मिलते-जुलते और नर्सरी स्कूल जाते देख पाएंगे, जैसा कि वह ऑपरेशनों से ठीक होने के बाद चाहती है।," डॉ. नाजी ने अपनी बात समाप्त करते हुए बताया।

प्रेस/फोटो क्रेडिटः खलीज टाइम्स

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